फ़ूल मिठाई

हमारे देश में सभी तरह के मिठाई और फ़ूल मिलते हैं जो आनंद और स्वाद का उत्तम प्रतीक है  जिसका इतिहास काफ़ी पुराना है जैसे गुलाब और सफेद रसगुल्ले भारत में लगभग सभी समुदाय और राज्य में सर्व स्वीकृत हैं।
और लोग अपने भावनाओ को व्यक्त करने के लिए इन दोनो का बहुतायत प्रयोग करते हैं।

नेटवर्किंग साइट पर फूल मिठाई के फ़ोटो से ही हर ख़ास दिन कि बधाई दी जाती हैं लेकिन इस तेज भागने वाले दुनिया में आज भी प्रिया आदित्य को पुराने अंदाज ही पसंद थे,

गंगा घाट पर सुबह की किरणों का प्रकाश फैलने लगा था और शहर भी अपनी आलस से भरी अंगड़ाई लेकर जग रहा था 

लेकिन शहर में दो लोग थे जिन्हें न नींद आई थी न आलस ही था आंखो मे क्योंकि आदित्य और प्रिया लड़ चुके थे जी भर के रात में तो सुबह तो काली होनी थी ।
स्नान पूजन के बाद आदित्य अपने फोन को चेक करता है उसने प्रिया का गुड मॉर्निंग मैसेज आया था ।

आदित्य ने रिप्लाई किया और कॉल किया तो उधर से एक दम झल्ली आवाज में प्रिया ने कहा हो गई हो समाज सेवा और तफरीबाजी चाय गोल्ड फ्लैक तो घर का रास्ता नाप लो
आदित्य तो मुस्कुरा के कहा तुम्हारे आवाज़ से ज्यादा गर्म नही होती है सिगरेट
प्रिया ने पूछा क्यू पीते हो सिगरेट जबकि तुम्हे ये पसंद नही था

तो आदित्य ने कहा क्यूंकि हर वक्त तुम्हारे लबों को छू जो नही सकता 
प्रिया बोली बस बस रोमांटिक होखे के जरूरत नईखे बुझाईल न बियाह होेखे वाला बा हमरे से 
आदित्य ने कहा जी अच्छा हुआ जो बता दिया मै तो बेकार में ही तैयारी में बिजी हूं खैर कोई नही थोड़े देर में घर वाले गली में मिलो
प्रिया ने कहा नही आऊंगी अभी पापा है।
मै आ रहा हूं दस मिनट में मिलो
क्या काम है प्रिया ने तुनक के कहा
आदित्य ने कहा सिगरेट छोड़ दिया तो लबों को होठों से लगाऊंगा
प्रिया शरमा गई बोली हर बार मना लेते हो
लेकिन नही आऊंगी ये बोल के कॉल काट दिया
प्रिया ने

आदित्य शहर के फूल बाज़ार के बाज़ार के ओर बढ़ गया और बहुत ढूंढ कर एक लाल गुलाब लिया और बगल के दुकान से सफ़ेद रसगुल्ले लिया एक छोटे से मिट्टी के हांडी में और प्रिया के घर के ओर चल पड़ा

प्रिया के घर के पास रुक के उसने प्रिया को कई कॉल किए लेकिन प्रिया ने काल नही उठाया आदित्य अब चिढ़ रहा था थोड़े देर बाद ही प्रिया एकदम से सफ़ेद सलवार सूट में अपने बालो के लट अपने कान के पीछे सेट करती हुई चली आ रही थी 

आदित्य उसे प्यार से देख कर मुस्कुरा दिया
और उसके हाथ में सफेद रसगुल्ले कि हांडी और फूल पकड़ा के बोला मुझे इंतजार और इंकार पसंद नही दुबारा देरी मत करना 

प्रिया ने तुनक के आंख चढ़ा के कहा ये दोनो नखरे जिंदगी भर उठाने है तुमको तुमने ही बारूद पर बैठना पसंद किया है याद रखो
फूल और मिठाई लिए उसके संग प्रेम कि खुश्बू और प्रेमी कि मिठास लिए वापस अपने घर के ओर चल पड़ी....

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