कलियुग और कृष्ण

कलियुग अब धीरे-धीरे अपना पाव पसार रहा हैं, अब लोग पहले से ज्यादा कलुषित और मलिन के साथ दिन प्रति दिन पतित होते जा रहे है।
                आज शायद ही कोई ऐसा घर, व्यक्ति, समाज बचा हो कि आज क्लेश से पीड़ित न है और राहत के लिए ओछी धार्मिकता का सहारा लेने की कोशिश करते है। जो स्वयं धन और ताकत के लिए राजनीति के इर्द गिर्द चक्कर काट रहे हैं।ऐसे में जब चारो तरफ क्लेशपूर्ण माहौल निर्मित हो गया है तो इसमें शांति और बचाव दोनो का मार्ग हमे महायोगी कृष्ण दिखाते है।
                                    उनके दिखाए मार्ग जो हमे गीता के द्वारा प्राप्त है वो अद्वितीय है और कलियुग में ज्यादा प्रासंगिक हैं, क्योंकि कृष्ण के पास हर परिस्थितियो का माकूल जवाब और उपाय उपलब्ध है।
                                   आज जिस तरह का युग है। उसमे शिव के सादगी के संग कृष्ण कि कूटनीति का समीकरण बना कर के ही आज के इस कलह पूर्ण समाज में स्वयं को बेहतर और अच्छे जीवन में ढाला जा सकता है ।

अन्यथा आज समय में जिस प्रकार लोग धूर्त छली और कपटी है इसका तोड़ शिव के पास केवल एक ही है वो है मृत्यु दण्ड लेकिन कृष्ण के पास वो नीति है जिससे आप का विरोधी परास्त भी होगा और आप का सम्मान भी करेगा ।

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