विश्व चाय दिवस है आज

दोस्तों आज है हर चाय प्रेमी के लिए खास दिवस जी हां आज है विश्व चाय दिवस
लेकिन मेरा ऐसा मानना है कि बिना चाय के कोई दिवस ही नही शुरू हो सकता और मेरे जैसा जो खुद ही चाय प्रेमी हो वो इस दिवस पर बिना कुछ लिख कैसे रह सकता हैं दूसरे देश का तो मुझे अनुभव नही लेकिन भारत का शायद ही ऐसा कोई कोना होगा जहां चाय प्रेमी न बसते हो बल्कि कई प्रेमी तो ऐसे है जिनकी सुबह कि शुरुआत बिना चाय के हो ही नही पाती ढंग से कुछ कुछ प्रेमी ऐसे है जो हर मसले का हल चाय को मानते है घर से लेकर राजनैतिक गलियारों में सभी जगह चाय ने अपना स्थान सुदृण बनाए हुवे है।

आइए एक नजर डालते है इसके प्यारे से लेकिन लंबे इतिहास को जिसको जाने बगैर चाय बिना एक तरह का अपराध है तो बात है  -1610 में डच व्यापारी चाय को चीन से यूरोप ले गए और धीरे-धीरे ये पूरी दुनिया की प्रिय पेय पदार्थ बन गई। विश्व में चाय उत्पादन में भारत का पहला स्थान है। भारत में चाय पहली बार सन् 1834 में अंग्रेज लेकर आए। - हालांकि, जंगली अवस्था में यह असम में पहले से ही पैदा होती थी।

अब तो भारत ने चाय का ये आलम है कि भले इसे अंग्रेज लाए हो लेकिन इसे भारतीयों ने इस तरह अपना चुके है कि इसके बगैर उन्हें अपने दिन कि शुरुवात करनी भी बहुत कठिन लगती हैं ,लेकिन कहा गया है अति हर मामले में बुरी बात है बेशक चाय तन मन को आनंदित और तरोताजा करता हैं, लेकिन अति मात्रा में इसे पीना स्वास्थ के लिए नुकसानदेह भी साबित हो सकता हैं, अगर आप चाय ज्यादा पियोगे तो आपको गैस, कब्ज , मोटापा और शुगर कि समस्या हो सकती है।

और एक बार सच्चे दिल से आप सभी चाय प्रेमियों को विश्व चाय दिवस कि हार्दिक शुभकामनाएं।

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